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Showing posts from July, 2025

पंचतत्व एक तैयारी

🪐 पंचतत्व ग्रह की कथा हम बात कर रहे हैं एक अनोखे ग्रह की — पंचतत्व की रहस्यमयी और शक्तिशाली दुनिया की। यह वह स्थान है जहाँ लोग जन्म लेते ही पाँच प्राकृतिक शक्तियों से जुड़े होते हैं: जल, अग्नि, पृथ्वी, वायु और आकाश। इन तत्वों के ज्ञाताओं को इस लोक में "पाँच" कहा जाता है। शक्ति होना एक वरदान है, लेकिन जहाँ शक्ति होती है, वहाँ संघर्ष, ज़िम्मेदारी और असंतुलन का खतरा भी होता है। इस ग्रह पर अपनी रक्षा करना, राज्य को सुरक्षित रखना, और संतुलन बनाए रखना कोई आसान कार्य नहीं। इन्हीं चुनौतियों के बीच खड़ा होता है एक युवा नायक — एक ऐसी यात्रा पर जो न केवल तत्वों को, बल्कि स्वयं को भी साधने की ओर है। --- 🌍 पंचतत्व ग्रह के पाँच राज्य: 1. जलेंद्र राज्य – जल शक्ति का साम्राज्य यहाँ के "जलेंद्र" जल को नियंत्रित कर सकते हैं — वर्षा, हिम, और जल-चिकित्सा उनकी प्रमुख क्षमताएँ हैं। 2. आग्नेय राज्य – अग्नि ऊर्जा का केंद्र "आग्नेय" नामक लोग अग्नि को साधते हैं — अग्नि प्रज्वलन, ताप नियंत्रण, विस्फोटक ऊर्जा इनकी पहचान हैं। 3. भुयज राज्य – पृथ्वी के रक्षक "भुयज" लोग धरती...

मेरा सफर -पहली शुरुआत

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हैलो ब्लॉगर्स! मैं यहाँ नया हूँ, और ये मेरी पहली कलम है। मैं एक छोटे से कस्बे से आता हूँ, जिसका नाम बहुत बड़ा है – सरायमीर । अगर आप थोड़ा खोज कर देखेंगे, तो आपको पता चल जाएगा कि ये आजमगढ़ में है – जिसे हम कभी आर्यमगढ़ कहा करते थे। एक बात और पता चलेगी... हो सकता है आपको एक और नाम भी मिल जाए – बड़ा या छोटा, वो आपके नज़रिए पर है। अगर मिला, तो कॉमेंट्स में ज़रूर बताइएगा। 🙂 अब खुद की बात मेरी पहचान... शायद कुछ भी नहीं। पर मेरे नाम से कई लोगों की पहचान बनी है – मेरी अभी तक नहीं। मैंने एम.ए. किया है – और राजनीति में मेरा थोड़ा बहुत झुकाव है। मेरा एक सपना है – राजनीति और धर्मशास्त्र को एक साथ समझना और जोड़ना। कैसे होगा? यह हमारा सफर ही बताएगा। आप सिर्फ साथ दीजिए। मैं करता क्या हूँ? फिलहाल मैं अपने बाप-दादा की परंपरागत गद्दी संभाल रहा हूँ – जिसमें परिवार, रिश्ते और भाइयों की पहचान से जूझना पड़ता है। हाँ भाई, सही समझे – गद्दीदारी। पर मेरी कहानी गौरव गुप्ता के कहने से काफ़ी अलग है – वो जितना झूठ बोलते हैं वो झूठ नहीं पर, मेरी कहानी उतनी ही उलटी है। अगर आप...

About me

नमस्ते 🙏 मेरा नाम अभिषेक बरनवाल है।   मैंने इस ब्लॉग की शुरुआत सिर्फ लिखने के लिए नहीं, बल्कि *खुद को जानने* और *दुनिया से जुड़ने* के लिए की है। मैं एक छोटे से कस्बे से हूँ, जहाँ हर दीवार के पीछे एक कहानी होती है।   मैं मानता हूँ कि हर अनुभव — चाहे छोटा हो या बड़ा — कुछ न कुछ सिखाता है।   यही वजह है कि मैं अपने विचारों, अनुभवों और सवालों को इस ब्लॉग के ज़रिए आपके सामने रखता हूँ। इस ब्लॉग पर आप पाएँगे: - समाज और जीवन से जुड़े विचार - दिल से निकले अनुभव - और कभी-कभी कुछ कविता या कल्पनाएँ भी **लक्ष्य सिर्फ लिखना नहीं है,**   बल्कि *सोचना, समझना और दूसरों को जोड़ना* है। अगर आपको मेरी बातें अच्छी लगें, तो अपने सुझाव ज़रूर दीजिए —   क्योंकि *एक अच्छा पाठक ही एक अच्छे लेखक को जन्म देता है।* धन्यवाद!   – अभिषेक बरनवाल

पहचान -एक खोज

Hello Bloggers, मैंने अपने सफर की शुरुआत पहचान बनाने के लिए की है। तो चलिए, शुरू से शुरू करते हैं। पहली पहचान मुझे नहीं मालूम कि मेरी पहली पहचान माँ-पिता के सामने किस रूप में आई थी। पर आज की तकनीक के आधार पर सोचूं, तो शायद एक धागा या बिंदु के रूप में ही आया होऊँगा — और शायद वही मेरी पहली पहचान बनी। एक सवाल कहा जाता है कि माँ बच्चे को समाज से 9 महीने पहले जानती है — और शायद ये सच भी है। पर क्या आपने कभी सोचा है, उस बिंदु या धागे को पिता किस रूप में महसूस करते होंगे? शायद वो उसके दिमाग के किसी कोने में धीरे-धीरे आकार लेता होगा — एक उलझन या एक भावना बनकर। (“उलझन” शब्द सही है या नहीं, मुझे पता नहीं — क्या आपके पास कोई बेहतर शब्द है?) इन 9 महीनों की उस भावना के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं… क्या आपके पास हैं? बताइएगा ज़रूर — आपके कमेंट का इंतजार रहेगा   पहचान की ये खोज शायद कभी पूरी न हो — पर मैं इसे महसूस करता रहूंगा, शब्दों में ढालता रहूंगा अगर आप चाहें तो मैं इस पर आधारित अगला हिस्सा भी लिखने में आपकी मदद कर सकता हूँ — क्या कहना चाहेंगे अगली पोस्ट में? AB तैय...

Abhi Ka Safar – Pehli Shuruaat

Hello Bloggers! Main yahan naya hoon, aur yeh meri pehli kalam hai. Main ek chhote se kasbe se aata hoon, jiska naam bahut bada hai – Saraimeer. Agar aap thoda khoj kar dekhenge, to aapko pata chal jayega ki yeh Azamgarh mein hai – jise hum kabhi Aryamgarh kaha karte the. Ek baat aur pata chalegi... ho sakta hai aapko ek aur naam bhi mil jaye – bada ya chhota, wo aapke nazariye par hai. Agar mila, to comments mein zarur bataiyega. 🙂 --- Ab Khud Ki Baat Meri pehchaan... shayad kuch bhi nahi. Par mere naam se kai logon ki pehchaan bani hai – meri abhi tak nahi. Maine M.A. kiya hai – aur rajniti mein mera thoda bahut jhukav hai. Mera ek sapna hai – Rajneeti aur Dharmshastra ko ek saath samajhna aur jodna. Kaise hoga? Yeh hamara safar hi batayega. Aap sirf saath dijiye. --- Main Karta Kya Hoon? Filhaal main apne baap-dada ki paramparik gaddi sambhal raha hoon – Jisme parivaar, rishte aur bhaiyo ki pehchaan se jujhna padta hai. Haan bhai, sahi samjhe – Gaddidari. Par meri kahaani Gurav Gup...